तराई बीज विकास निगम के कर्मचारियों को मिलेगा वीआरएस, शासन से होगी वार्ता, गेंहू घोटाले प्रकरण में तीन कर्मचारियों की विभागीय जांच
देहरादून।
तराई बीज विकास निगम में कर्मचारियों की बड़ी संख्या के चलते बढ़ रहे खर्चों को देखते हुए कर्मचारियों को वीआरएस दिया जाएगा। इसके लिए टीडीसी की बैठक में तय हुआ कि शासन से इस सम्बन्ध में वार्ता होगी। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि टीडीसी को उसके पुराने स्वरूप में लाया जाएगा। पिछले कुछ समय में निगम की स्थिति खराब हुई है। घाटा 50 करोड़ तक पहुंचा। तीन सालों में अब स्थिति सामान्य हो पाई है। मौजूदा समय में कर्मचारियों की संख्या के अनुरूप काम का लोड नहीं है। ऐसे में कैसे कर्मचारियों का सही इस्तेमाल किया जा सके, कैसे निगम को मजबूत किया जाए। इस पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए कर्मचारियों की संख्या को काम के अनुरूप तय किए जाने को वीआरएस दिए जाने के फैसले पर शासन से वार्ता होगी। बताया कि 2017 में एसआईटी जांच के आदेश दिए गए थे। गेंहू बीज घोटाले को लेकर जिन दस कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर कराई गई थी, उनमें तीन कर्मचारियों की भूमिका आपराधिक नहीं पाई गई है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही को विभागीय जांच कराई जाएगी।
एसीपी का लाभ देने पर मुहर
कृषि मंत्री ने बताया कि कर्मचारियों को एसीपी के एरियर का भुगतान किया जाना है। इसे लेकर कुछ कर्मचारी हाईकोर्ट भी गए। तय किया गया है कि बजट की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सभी को एक समान रूप से एसीपी के एरियर का लाभ दिया जाएगा।
किसानों को मिलेगा सस्ता बीज
कृषि मंत्री ने बताया कि इस बार भी खरीफ की फसलों के बीज की तरह रबी की फसलों के बीज के दाम भी नहीं बढ़ाए जाएंगे। गेंहू के बीज का दाम 3710 रुपये प्रति कुंतल रखा गया है। 30 हजार कुंतल बीज कृषि विभाग को दिया जाएगा। ताकि किसानों को सब्सिडी रेट पर बीज उपलब्ध हो सके।